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मन्नत पूर्ति त्रिशूल चढ़ावा
चौरागढ़ त्रिशूल अर्पण भोलेनाथ को समर्पण

पचमढ़ी की पहाड़ियों पर मन्नतों का त्रिशूल चढ़ावा

चौरागढ़ महादेव मंदिर, पचमढ़ी हिल स्टेशन, नर्मदापुरम, मध्य प्रदेश

03, नवंबर , सोमवार

5.0/5 (1K+ ratings)

अब तक10000 + भक्तों ने mahakal.com द्वारा संचालित चढ़ावा सेवा में भाग ले चुके है।

🕉️ चढ़ावे के बारे में
भगवान चौरागढ़ नाथ को अर्पित यह त्रिशूल चढ़ावा न केवल आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा और मनोकामना पूर्ति का प्रमाण भी है।
हर साल महाशिवरात्रि पर, हजारों शिवभक्त अपने कंधों पर त्रिशूल उठाकर कठिन चढ़ाई करते हैं — यह चढ़ाई करीब 3.5 किलोमीटर की सीधी चट्टानों वाली कठिन पर्वत यात्रा होती है।
भक्त यहां त्रिशूल चढ़ाकर अपनी मन्नतों की पूर्ति के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। कुछ त्रिशूल तो कई-कई क्विंटल वजनी होते हैं, जिन्हें भक्त समूह में या अकेले भी कंधों पर उठाकर लाते हैं।

📖 पौराणिक कथा और मान्यता
मान्यता है कि पचमढ़ी के चौरागढ़ पर्वत पर भगवान शिव ने गुप्त रूप से साधना की थी, और इसी स्थान पर उन्होंने अपने गणों को तपस्या और बलिदान का महत्व बताया था।
एक कथा अनुसार, एक भक्त ने भगवान शिव से पुत्र प्राप्ति की कामना की थी और वचन दिया कि यदि उसकी मुराद पूरी हुई, तो वह चौरागढ़ जाकर त्रिशूल चढ़ाएगा।
कृपा प्राप्त हुई — और भक्त ने न केवल मन्नत पूरी की, बल्कि यह परंपरा भी शुरू की।
आज लाखों श्रद्धालु यही भावना लेकर त्रिशूल लेकर चौरागढ़ पहुँचते हैं — और हर त्रिशूल, शिव के प्रति समर्पण की एक कहानी कहता है।

🙏 त्रिशूल का आध्यात्मिक महत्व
हिंदू धर्म में त्रिशूल को शिव का सर्वशक्तिमान अस्त्र माना गया है — यह सृष्टि, स्थिति और संहार का प्रतीक है।

त्रिशूल अर्पण करना नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और आत्मिक शुद्धता का प्रतीक बनता है।
इस मंदिर में अर्पित हर त्रिशूल भक्त की भक्ति, विश्वास और तपस्या का जीवंत प्रमाण है।
यह चढ़ावा केवल धातु का नहीं, विश्वास की धार से बना हुआ आध्यात्मिक समर्पण है।

🌸 विशेषताएं जो इस चढ़ावे को अद्वितीय बनाती हैं
🔱 यह चढ़ावा भारत के उन चुनिंदा स्थलों में से एक है, जहाँ हजारों त्रिशूल एक ही स्थान पर एकत्र होते हैं।
🔱 महाशिवरात्रि के दौरान लगने वाला विशाल मेला, भक्तों की आस्था का महापर्व बन जाता है।
🔱 चौरागढ़ की चढ़ाई केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक परीक्षा और भक्ति का अनुभव है।
🔱 यहां का वातावरण — त्रिशूलों की गूंज, शिव मंत्रों की ध्वनि, और भक्तों की निष्ठा — हर किसी को आत्मिक रूप से आंदोलित कर देती है।

🕉️ चौरागढ़ त्रिशूल चढ़ावे की महिमा
जो कोई भी सच्चे मन और समर्पण से यह चढ़ावा अर्पित करता है, उसकी मन्नतें पूरी होती हैं — ऐसी अटूट मान्यता है।
यह स्थान केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि तप, त्याग और त्रिशूल से सजी शिव भक्ति की जीवंत मूर्ति है।

 

 चढावा सेवा उपयोगकर्ताओं को हमारे मंच पर सूचीबद्ध मंदिरों में देवताओं को उनके चुने हुए प्रसाद (जैसे फूल, प्रसाद, मिठाई आदि) चढ़ाने की अनुमति देती है। हमारे समर्पित पंडित आपकी ओर से तर्पण करेंगे, और प्रक्रिया का एक वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा।

 हमने देश भर के कई प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी की है, जिनमें उज्जैन, वाराणसी, हरिद्वार और अन्य मंदिर शामिल हैं। मंदिरों की पूरी सूची हमारी वेबसाइट और ऐप पर उपलब्ध है।

 प्रसाद में फूल, मिठाई, प्रसाद, दीया, नारियल, मालाएं और बहुत कुछ शामिल हैं। उपलब्ध प्रसाद मंदिर की परंपराओं और हमारी भागीदारी के आधार पर भिन्न होता है।

 एक बार जब आपका चढ़ावा हमारे पंडित द्वारा किया जाएगा, तो हम पेशकश का एक वीडियो व्हाट्सएप, ईमेल और आपके पंजीकृत खाते के माध्यम से हमारे मंच पर साझा करेंगे।

 आप अपनी बुकिंग से संबंधित किसी भी सहायता के लिए व्हाट्सएप, ईमेल या हमारी हेल्पलाइन के माध्यम से हमारे ग्राहक सहायता तक पहुंच सकते हैं।

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