पूजा के बारे में
महाकालेश्वर महादेव मंदिर, उज्जैन के प्रवेश द्वार के समीप स्थित द्वितीय शिवलिंग पर किया जाने वाला श्रावण मास विशेष अभिषेक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली पूजा है। इस अभिषेक में धूप, दीप, बेल पत्र और जल का विशेष प्रयोग होता है जो शिव की कृपा और आशीर्वाद को बढ़ाता है।
उद्देश्य
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ग्रह दोषों के निवारण हेतु – यह पूजा विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए की जाती है जिनकी कुंडली में नवग्रह दोष, शनि पीड़ा, राहु-केतु के दोष, या कालसर्प योग जैसे ग्रह दोष मौजूद हैं।
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जीवन की बाधाओं, मानसिक अशांति और दुर्भाग्य को दूर करने हेतु – नवग्रहों के अशुभ प्रभावों से उत्पन्न रुकावटें, तनाव, और असफलता इस पूजा से शांत होती हैं।
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ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा को जाग्रत कर जीवन में संतुलन लाने के लिए – पूजा के माध्यम से ग्रहों की स्थिति को अनुकूल बनाया जाता है जिससे जीवन में स्थिरता, सफलता और समृद्धि आती है।
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आध्यात्मिक जागरूकता और शिव तत्व से जुड़ने के लिए – चूंकि यह पूजा महादेव के सान्निध्य में होती है, इससे साधक को शिव की कृपा के साथ-साथ ग्रहों की शांति भी प्राप्त होती है।
प्रभाव
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नवग्रहों की अशुभता का शमन – वैदिक मंत्रों, हवन, और यंत्र पूजन के माध्यम से नकारात्मक ग्रह प्रभाव कम होते हैं और अनुकूलता बढ़ती है।
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मानसिक और भावनात्मक संतुलन की प्राप्ति – पूजा के दौरान उत्पन्न आध्यात्मिक ऊर्जा से चिंता, भ्रम और अस्थिरता में कमी आती है।
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करियर, शिक्षा, विवाह और संतान से जुड़ी समस्याओं में राहत – नवग्रह दोषों के कारण रुके हुए कार्यों में गति और सफलता मिलती है।
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आयु, आरोग्य और समृद्धि में वृद्धि – ग्रहों की कृपा से स्वास्थ्य सुधरता है, आयु बढ़ती है और जीवन में धन, वैभव और उन्नति आती है।
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पूजा का विशेष प्रभाव मंदिर की दिव्यता से कई गुना बढ़ता है – नवग्रहेश्वर महादेव मंदिर का शक्तिशाली आध्यात्मिक वातावरण इस पूजा को अत्यंत प्रभावशाली और फलदायक बनाता है।
महाकालेश्वर महादेव मंदिर (प्रवेश द्वार के समीप का द्वितीय शिवलिंग), उज्जैन