कलावा, जिसे मौली भी कहा जाता है, एक पवित्र लाल और पीले रंग का सूती धागा होता है जिसे हिंदू पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान कलाई पर बाँधा जाता है। यह सुरक्षा, धर्म के प्रति समर्पण और आध्यात्मिक आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। कलावा बाँधना एक पारंपरिक धार्मिक परंपरा है, जो दिव्य कृपा प्राप्त करने और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करने हेतु किया जाता है।
संकल्प, हवन, व्रत, तथा रक्षा बंधन और हनुमान जयंती जैसे पर्वों पर इसका विशेष रूप से उपयोग होता है। कलावा हर पूजा विधि का एक आवश्यक और शुभ अंग है।
यह पवित्र कलावा (मौली धागा) हिंदू धार्मिक परंपराओं में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आस्था, ईश्वर से जुड़ाव और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का प्रतीक है।
कलावे की पवित्र शक्ति को अपनाएं और अपने जीवन में लाएँ दिव्य आशीर्वाद, सुरक्षा और आध्यात्मिक ऊर्जा!
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