लाजवर्द एक विशेष और प्रभावशाली रत्न है, जिसे राहु, शनि और केतु ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को संतुलित करने और उनकी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए पहना जाता है। यह रत्न मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को मजबूत करता है, साथ ही कार्यक्षेत्र और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने में सहायक माना जाता है।
💎लाजवर्द किसके लिए उपयुक्त है?
✅ शनि, राहु और केतु कुंडली में उच्च स्थिति में हों।
✅ मकर (Capricorn) और कुंभ (Aquarius) राशि के जातक।
✅ पितृ दोष को शांत करने के लिए।
✅ करियर और व्यवसाय में बाधाओं को दूर करने हेतु।
✅ नकारात्मक ऊर्जा और दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए।
🚫 किन लोगों को लाजवर्त धारण नहीं करना चाहिए?
❌ यदि कुंडली में शनि और राहु नीच स्थिति में हों।
❌ अगर मंगल ग्रह कमजोर या नकारात्मक स्थिति में हो।
📌 लाजवर्द पहनने के लाभ
✔ मानसिक शक्ति, बुद्धिमत्ता और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
✔ नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से सुरक्षा प्रदान करता है।
✔ करियर और व्यवसाय में सफलता में सहायक।
✔ पितृ दोष को शांत करने में मदद करता है।
✔ दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
✔ जीवन में आने वाली बाधाओं को कम करता है।
🛕 लाजवर्द धारण करने की विधि:
📅 शुभ दिन: शनिवार
🕑 समय: सूर्यास्त के बाद
📝 प्रक्रिया:
1️⃣ लाजवर्द को चांदी की अंगूठी या लॉकेट में जड़वाएं।
2️⃣ इसे दाहिने हाथ की मध्यमा (मिडिल फिंगर) में पहनें।
3️⃣ शनिवार से 5 घंटे पहले सरसों या तिल के तेल में डुबोकर शुद्ध करें।
4️⃣ नीले कपड़े पर रखकर 108 बार ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:’ मंत्र का जाप करें।
5️⃣ धूप-दीप दिखाकर इसे पवित्र करें और सूर्यास्त के बाद पहनें।
🎯लाजवर्द एक शक्तिशाली रत्न है जो शनि, राहु और केतु के प्रभावों को संतुलित करता है और जीवन में सफलता, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करता है। मानसिक तनाव, करियर में बाधाओं या नकारात्मक ऊर्जा से परेशान लोगों के लिए यह रत्न अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। ✨
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