आस-पास के मंदिर
Bastar,
Balochistan,
Pakistan
खुलने का समय : 06:00 AM - 10:00 PM
5.0/5 (1K+ ratings)
शिवहरकराय शक्तिपीठ के बारे में
शिवहरकराय शक्तिपीठ पाकिस्तान के कराची में स्थित एक प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थस्थल है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है, पवित्र स्थल जहाँ देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे।
क्या अपेक्षा करें?
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में शिवहरकराय शक्तिपीठ एक पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है, जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस सुदूर मंदिर तक पहुँचने के लिए ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन भक्तों को एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अनुभव का इनाम मिलता है। स्थान और सुरक्षा चिंताओं के कारण, सावधानीपूर्वक योजना बनाना और यात्रा संबंधी सलाह के बारे में जानकारी होना ज़रूरी है।
टिप्स विवरण
शिवहरकराय शक्तिपीठ के बारे में अधिक जानकारी
पौराणिक कथा के अनुसार दैत्यराज महिषासुर का पिता रंभ नाम का एक असुर था। रंभ को जल में रहने वाली एक भैंस से प्रेम हो गया था। रंभ और भैंस के मिलन से महिषासुर का जन्म हुआ था। इस कारण महिषासुर अपनी इच्छानुसार भैंस और मनुष्य का रूप बदल सकता था। कहा जाता है कि महिषासुर ने घोर तपस्या कर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया था। ब्रह्मदेव ने वरदान दिया था कि कोई भी देवता या दानव उसे जीत नहीं पाएगा। ब्रह्मदेव से वरदान मिलने के बाद महिषासुर ने स्वर्ग लोक में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। एक दिन महिषासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। महिषासुर ने इंद्र को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया। उसने सभी देवताओं को वहां से निकाल दिया। इससे परेशान होकर सभी देवता त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास गए और उन्हें अपनी समस्या बताई। लेकिन ब्रह्मा जी के वरदान के कारण स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी महिषासुर को पराजित नहीं कर सके। अंतत: सभी देवताओं ने महिषासुर का वध करने के लिए मां दुर्गा की रचना की। त्रिदेवों के शरीर से शक्ति पुंज निकलकर एकत्रित हुए। इस शक्ति पूजा ने मां दुर्गा का रूप धारण किया। सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियां और अस्त्र मां दुर्गा को दिए। मां दुर्गा ने लगातार नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध कर दिया। यही कारण है कि हिंदू धर्म में नौ दिनों तक दुर्गा पूजा मनाई जाती है। वहीं, दसवें दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। महिषासुर के मर्दन के कारण ही मां दुर्गा का नाम महिषासुद मर्दिनी पड़ा।
मंदिर ज्ञात
Timings
प्रवेश शुल्क
Tips and restrictions
सुविधाएँ
समय की आवश्यकता
शिवहरकराय शक्तिपीठ तक कैसे पहुंचें?
शिवहरकराय शक्तिपीठ सेवाएँ
शिवहरकराय शक्तिपीठ आरती का समय
तीर्थयात्रा की विशिष्ट प्रकृति और मंदिर के दूरस्थ स्थान के कारण, आरती का समय निश्चित नहीं हो सकता है।
पर्यटक स्थल
शिवहरकराय शक्तिपीठ की स्थानीय खाद्य विशेषता
Jyoti Raikwar
tessss
vijay satish
You need to Sign in to view this feature
This address will be removed from this list